*
श्री
आर. के. सिंह पटेल: अध्यक्ष
महोदय, आज
गांवों में
गरीब मजदूरों, किसानों, अनुसूचित जाति-जनजाति,
अन्य
पिछड़े वर्ग
तथा सामान्य
वर्ग की जो
महिलाएं
गर्भवती होती
हैं, वे भी
खेत-खलिहानों
में जाड़ा,
गर्मी
और बरसात में
काम करती हैं
। वे आधा भोजन
खाकर यह काम
करती हैं,
जिसकी
वजह से उन्हें
पोषित आहार
नहीं मिलता है
और बच्चा
कुपोषित पैदा
होता है । वह महिला
भी कुपोषण का
शिकार होकर
तमाम
बीमारियों की
मरीज बन जाती
है । मैं आपके
माध्यम से
माननीय
मंत्री जी से
यह जानना
चाहता हूं कि
जैसे उत्तर
प्रदेश में
माननीय मुख्य
मंत्री जी ने 'कन्या
सुमंगला
योजना' शुरू
की है तथा
आपने भी कहा
है कि 'प्रधान
मंत्री मातृ
वंदना योजना' एवं 'जननी
सुरक्षा
योजना' आपकी
सरकार ने लागू
की है, लेकिन
इन योजनाओं का
लाभ अभी तक उन
गरीब महिलाओं
को नहीं मिल
पा रहा है ।
जिनके
महिलाओं के
बच्चे
कुपोषित पैदा
होते हैं ।
क्या सरकार
उनको भर-पेट
पौष्टिक आहार
देने की कोई
योजना लागू
करने जा रही
है? इन
योजनाओं को
साकार रूप में
जमीन पर
उतारने के लिए
क्या कोई
कार्य योजना
आपके पास है
ताकि गरीब वर्ग
की जो गर्भवती
महिलाएं हैं, जो खेत-खलिहानों
में काम करती
हैं, जिनका
बच्चा
कुपोषित पैदा
होता है,
उनको
कुपोषण से
बचाने के लिए
उन्हें
पौष्टिक आहार
दिया जा सके? *h
*
महिला
और बाल विकास
मंत्री (श्रीमती
स्मृति
ज़ूबिन इरानी): अध्यक्ष
महोदय, आपके
माध्यम से
माननीय सांसद
को अवगत कराना
चाहती हूं कि
जो प्रश्न
उन्होंने
लिखित में पूछा
और जो चिंता
उन्होंने अभी
व्यक्त की है, उसमें अंतर
है, लेकिन
फिर भी मैं
चाहती हूं कि
इस प्रश्न का
उत्तर दूं ।
महोदय, भारत सरकार 'मातृ
वंदना' योजना
के अंतर्गत
देश में 2 करोड़ 20 लाख
गर्भवती
बहनों को उनके
बैंक के खाते
में छह हजार
रुपया प्रति
बहन प्रेषित
कर चुकी है ।
वर्तमान में
यह स्कीम अभी
भी चल रही है ।
जहां तक पोषण
के संदर्भ में
माननीय सदस्य
ने चिंता
व्यक्त की है, देश के 13
लाख 80 हजार
आंगनवाड़ी
केंद्रों के
माध्यम से 9 करोड़ बच्चों
और महिलाओं को
पोषण की
व्यवस्था भारत
सरकार 20 हजार
करोड़ रुपये के
व्यय के साथ
उन्हें दे रही
है, जिसमें
उत्तर प्रदेश
भी सम्मिलित
है ।
*
श्री आर. के. सिंह
पटेल : अध्यक्ष
महोदय, मैं
आपके माध्यम
से माननीय
मंत्री जी से
जानना चाहता
हूं कि हमारे
देश में महिला
और पुरुष के
बीच में अंतर
अभी भी है । जब
बेटी पैदा
होती है,
तो
बोझ बन जाती
है और जब बेटा
पैदा होता है
तो बधाई दी
जाती है ।
उत्तर प्रदेश
के माननीय
मुख्य मंत्री
जी ने 'कन्या
सुमंगला' योजना
शुरू करके
बेटी-बेटे
में अंतर खत्म
करने के लिए
एक हजार रुपये
से लेकर 15
हजार
रुपये तक बेटी
के जन्म से
लेकर उसकी
पढ़ाई पूरी
होने तक देने
का काम किया
है । मैं
माननीय
मंत्री जी से
जानना चाहता
हूं कि क्या
बेटी-बेटे
में अंतर खत्म
करने के लिए
इस तरह की कोई कार्य
योजना भारत
सरकार की तरफ
से बनाई गई है या
बनाई जाएगी
जिसके तहत
जन्म से लेकर
ग्रेजुएशन तक
की शिक्षा
प्राप्त करने
में बेटियों की
मदद हो सके?
श्रीमती
स्मृति
ज़ूबिन इरानी: अध्यक्ष
महोदय, मैं
आपसे अनुमति
चाहूंगी कि
माननीय सदस्य
ने अपने
प्रश्न को
प्रस्तुत
करते हुए एक
वाक्य कहा, यदि वह छंद
हटा दिया जाए
तो अच्छा होगा
। माननीय
सदस्य ने कहा
कि 'बेटी जन्म
लेती है, तो बोझ
बन जाती है' यह
किसी प्रश्न
का भी अंश
नहीं होना
चाहिए ।
जहां तक उत्तर
प्रदेश में
अलग-अलग
स्कीमों का
वर्णन माननीय
सदस्य ने किया, मेरे लिए यह
गौरव की बात
है क्योंकि
मैं उत्तर
प्रदेश में
अमेठी संसदीय
क्षेत्र से
सांसद हूं ।
वहां महिलाओं
और बच्चियों
से संबंधित
जितनी योजनाएं
निर्धारित की
जा रही हैं, वह भारत
सरकार के
सहयोग से ही
की जा रही हैं
। भारत के
लोकतांत्रिक
इतिहास में
पहली बार शिक्षा
नीति में एक
जेंडर
इन्क्लूजन
फंड अगर किसी
ने बेटियों को
पढ़ाने के लिए
स्थापित किया, तो उस नेता का
नाम नरेन्द्र
दामोदर दास
मोदी है ।
हमारे देश में
आज शिक्षा
मंत्रालय के
साथ समन्वय
करके जो
बेटियां
स्कूल से बाहर
हैं, उन्हें
स्कूल लौटाने
के लिए देश भर
में 5 लाख
ऐसी बेटियां
चिह्नित हुई
हैं, जिसमें
उत्तर प्रदेश
भी सम्मिलित
है । देश में 11 करोड़
बहनों के लिए
टॉयलेट बनाने
का काम भी भारत
सरकार ने किया, जिसे उत्तर
प्रदेश में
इज्जत घर का
नाम दिया गया
। स्वास्थ्य
मंत्री जी यहां
उपस्थित हैं ।
वह 'आयुष्मान
भारत योजना' की
चर्चा बार-बार इस
सदन में
कर चुके हैं
। एक महिला
होने के नाते
मेरा गौरव है
कि ग्रामीण
अंचल में आज
विशेषत:
'आयुष्मान
भारत योजना' का
नाम ऐसा हुआ
है, जिसमें
उत्तर प्रदेश
शामिल है ।
देश
की 7 करोड़
गरीब बहनों ने
अपने-आप को
ब्रेस्ट
कैंसर और
सर्वाइकल
कैंसर के लिए
स्क्रीन किया
। देश के 25
हजार
अस्पतालों
में
ट्रीटमेंट के
लिए सुविधा
प्रधान
मंत्री जी ने
उपलब्ध कराई
और साथ ही आज
मैं गौरव के
साथ सब्जेक्ट
टू करेक्शन ऑफ
ऑनरेबल हेल्थ
मिनिस्टर यह
कह सकती हूं
कि देश के
मेडिकल
इन्फ्रास्ट्रक्चर
में महिलाओं
का 45 करोड़
फुटफॉल 'आयुष्मान
भारत योजना' के
अंतर्गत अगर
किसी ने
सुनिश्चित
कराया, जिसमें
उत्तर प्रदेश
भी सम्मिलित
है, तो उस
नेता का नाम
नरेंद्र
दामोदर दास
मोदी है ।
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