*
श्री
प्रवेश साहिब
सिंह वर्मा: अध्यक्ष
महोदय, मैं
भारत सरकार को
बधाई देना
चाहता हूं कि
उन्होंने
भारत की
राजधानी में
प्रदूषण के
लिए जो कदम
उठाए हैं, वे
बहुत ही
सराहनीय हैं। चाहे, वह
ईस्टर्न-वेस्टर्न
पेरीफेरल
बनाने की बात
हो,
सोनीपत
हाईवे, गाजियाबाद
हाइवे, कुंडली
हाईवे, द्वारका
एक्सप्रेसवे
या यूईआर-2 बनाने
की बात हो, ये
सारी बड़ी
रोड्स बनाने
से बड़े-बड़े
ट्रक जो पहले
इंडस्ट्रियल
एरियाज में एक
राज्य से
दूसरे राज्य
में जाते थे, आज
वे दिल्ली में
प्रवेश नहीं
करते हैं।
उससे दिल्ली
में प्रदूषण
काफी कम हुआ
है। इसी के साथ
भारत सरकार ने
जो बीएस-6 क्वालिटी
पेट्रोल को
लागू करने के
लिए कदम उठाया
है,
वह बहुत ही
सराहनीय है।
उसके साथ
हमारे माननीय
मंत्री जी ने
जो कमीशन ऑन
एयर क्वालिटी
मैनेजमेंट
पूरे एनसीआर
के लिए बैठाया
है,
वह
दिल्ली का
प्रदूषण कम
करने के लिए बहुत
ही सराहनीय
कदम है।
अध्यक्ष
महोदय, एक तरफ
कोरोना जैसी
खतरनाक
बीमारी पर
हमारे देश के
और सारी
दुनिया के
वैज्ञानिकों
ने काबू पाया, तो
दूसरी तरफ सात
सालों में अभी
तक एक व्यक्ति
की खांसी ठीक
नहीं हो पाई
है। दिल्ली के
प्रदूषण के
कारण आज
हजारों
बच्चों और युवाओं
के फेफड़े खराब
हो रहे हैं और
उनको खतरनाक
बीमारी हो रही
है। दिल्ली
में प्रदूषण
कम करने के
लिए
इंडस्ट्रियल
डिपार्टमेंट, डीयूएसआईबी, पीडब्ल्यूडी, फॉरेस्ट, ट्रांसपोर्ट
जैसे मुख्य
विभाग हैं और
ये सारे विभाग
दिल्ली सरकार
के अधीन आते
हैं।
मेरा
माननीय
मंत्री जी से
यह सवाल है कि
हर साल जब भी
ठंड का महीना
आता है, तो
दिल्ली
प्रदूषण लेवल 500 तक
पहुंच जाता
है। उसके बाद, दिल्ली
सरकार ब्लेम
गेम शुरू कर
देती है कि पंजाब
में पराली जल
रही है, इसलिए
दिल्ली में
प्रदूषण आ रहा
है। मैं आपको और
इस सदन को
पराली का सच
बताना चाहता
हूं।
कुंवर
दानिश अली: सर, यह
सवाल हो रहा
है या भाषण हो
रहा है।
श्री
प्रवेश साहिब
सिंह वर्मा: अध्यक्ष
महोदय, आपको
सुनकर बहुत
हैरानी होगी
कि दिल्ली
सरकार एक
आरटीआई के
जवाब में कहती
है,
पूरे देश में
डी-कम्पोस्ट
सॉल्यूशन को
लागू करने के
लिए दिल्ली के
मुख्य मंत्री
जो बहुत बड़े-बड़े
दावे करते हैं, आरटीआई
के जवाब में
दिल्ली सरकार
कहती है कि उन्होंने
केवल 40,000 रुपये
का डी-कम्पोस्ट
सॉल्यूशन
पूसा
एग्रीकल्चर
इंस्टिट्यूट
से खरीदा है और
23 लाख
रुपये उसके
डिस्ट्रिब्यूशन
पर लगा दिए। हमने
पूछा कि
विज्ञापन में
कितना पैसा
लगाया? तो
आरटीआई के
जवाब में आया 15 करोड़
रुपये।
KUNWAR
DANISH ALI: Sir, scrap the Question Hour if the Government does
not want to give answers.
श्री
प्रवेश साहिब
सिंह वर्मा: सर, वे 40,000 रुपये
का उसका
सॉल्यूशन
खरीदते हैं और
23 लाख
रुपये
डिस्ट्रिब्यूशन
के लिए मशीनरी
खरीदते हैं।
माननीय
अध्यक्ष
: आप
सवाल पूछिए।
KUNWAR
DANISH ALI :
Sir, the Minister must reply.
श्री
प्रवेश साहिब
सिंह वर्मा: अध्यक्ष
महोदय, मेरा
सवाल यह है कि
मंत्री जी ने
जो कमीशन बनाया
है,
दिल्ली और
पंजाब, क्योंकि
दोनों जगह आज
एक ही पार्टी
की सरकार है, क्या
अभी तक कमीशन
ने इन दोनों
सरकारों से
बात की है? ताकि, जब
दिल्ली की
खराब स्थिति
हो,
उससे पहले ही
प्रदूषण को
कंट्रोल किया
जा सके। *h
KUNWAR
DANISH ALI :
The hon. Cabinet Minister is sitting here.
He should have answered the Question.
*
श्री
भूपेन्द्र यादव: अध्यक्ष
महोदय, भारत सरकार
द्वारा जो एयर
क्वालिटी
मैनेजमेंट
कमीशन बनाया
गया है, वह वास्तव
में एनसीआर
क्षेत्र में
जो एयर शेड है, जिसके
अंतर्गत
एनसीआर
क्षेत्र से
लगे, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर
प्रदेश और
पंजाब राज्य
आते हैं,
एयर
क्वालिटी
कमीशन ने इन
सभी राज्यों
के साथ बैठक
की है। जहां
तक माननीय
सदस्य ने बॉयो
फ्यूल की बात
की है, तो एक्स
सितु
मैंनेजमेंट
और इन सितु
मैनेजमेंट दो
तरह के
मैंनेजमेंट
कमीशन द्वारा
स्थापित किए
गए हैं। इन
सितु
मैनेजमेंट के
अंदर भारत
सरकार द्वारा
कुल 2 लाख के
करीब मशीनें
पंजाब, हरियाणा
और उत्तर
प्रदेश में
उपल्ब्ध कराई
गई हैं। इसके
साथ-साथ बॉयो
फ्यूल का
उपयोग करने के
लिए कमीशन द्वारा
डायरेक्शन भी
इश्यू किए गए
हैं। बॉयोमास
पॉवर
प्रोजेक्ट्स, को-फायरिंग
इन थर्मल पॉवर
प्लांट्स, फीड
स्टॉक इन टू-जी
एथेनॉल
प्लांट्स, फीड
स्टॉक इन
कम्पोस्ट
बॉयोमास
प्लांट्स, फ्यूल
एंड
इंडस्ट्री
ब्वॉयलर्स
आदि प्रावधान
हमने सभी
एनसीआर के
जुड़े हुए
राज्यों में लागू
किए हैं।
*
श्री
प्रवेश साहिब
सिंह वर्मा : माननीय
अध्यक्ष जी, सुप्रीम
कोर्ट ने कई
बार कहा है कि
दिल्ली में 11,000 बसों
की जरूरत है।
मगर दिल्ली
में सात साल
पहले भी 6,700 बसें
थीं और आज भी
दिल्ली में 6,700 बसें
हैं, जिनमें
से 3,000 ऐसी बसें
हैं, जो कि
लगभग 12 साल
पुरानी हैं और
दिल्ली में
प्रदूषण को
बढ़ाती हैं।
ऐसे ही हम मां
यमुना जी को
देख रहे हैं, जैसे
वह पहले भी
मैली थी, आज
उससे ज्यादा
मैली हो गई
है। दिल्ली के
मुख्यमंत्री
हर चुनाव में
कहते हैं कि
आगे जो चुनाव
आएगा, मैं उससे
पहले मां
यमुना में
डुबकी
लगाऊंगा।
महोदय, मेरा
मंत्री जी से
सवाल है कि
क्या इस कमीशन
को ऐसी पावर
है कि वह
दिल्ली सरकार
पर कोई फाइन लगाए? क्योंकि
वह सुप्रीम
कोर्ट का आदेश
नहीं मानती है
और दिल्ली के
युवाओं और
बच्चों की जान
के साथ खेला
जा रहा है, क्या
इस कमीशन के
पास उसके ऊपर
कोई फाइन
लगाने का
अधिकार है?
श्री
भूपेन्द्र
यादव : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, मैं यह कहना
चाहूंगा कि
सवाल दिल्ली
सरकार के बारे
में पूछा जा
रहा है, तो अधीर रंजन
जी क्यों शोर
मचा रहे हैं? ठीक है। माननीय
सांसद दिल्ली
के प्रतिनिधि
होने के नाते
दिल्ली में
यमुना नदी का
जो प्रदूषण है
और दिल्ली में
जिस प्रकार से
बसों की
आवश्यकता है, उन्होंने
अपने क्षेत्र
से जुड़े होने
के कारण ये
प्रश्न उठाए
हैं। निश्चित
रूप से यह
स्थानीय
सरकार की
ड्यूटी भी
बनती है कि वह
दिल्ली के
पर्यावरण को
कम करने के
लिए आवश्यक
कदमों को
उठाए।
*
SHRI FEROZE VARUN GANDHI : Sir, according to the
World Air Quality Report, our nation has 63 Indian cities which count among the
100 most polluted places on earth. Yet, 33 per cent of the Air Quality Monitors
in India are concentrated in and around Delhi in the National Capital Region.
My question to the hon. Minister is: what are the measures taken by the
Government, including the timelines, to increase the monitoring density in
other parts of the nation?
माननीय
अध्यक्ष
: माननीय
सदस्य, आपस
में विवाद मत
कीजिए।
माननीय
अध्यक्ष
: माननीय
सदस्य, आपका
विषय हो गया
है। आप बैठ
जाइए।
श्री
भूपेन्द्र
यादव : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, पूरे देश में
कुल मिलाकर
एयर क्वॉलिटी
को मापने के
लिए 1,230 यंत्र
लगाए गए हैं।
इसमें सिर्फ
दिल्ली के पास
ही नहीं, इस पूरे
कार्यक्रम के
अंतर्गत 465 शहरों और 26 ग्रामीण
क्षेत्रों के
अंतर्गत इन
यंत्रों को
लगाया गया है।
इसलिए हम
लोगों ने एयर
क्वॉलिटी के
जो यंत्र लगाए
हैं, ये
पूरे देश के
संदर्भ में
हैं और पूरे
देश में वायु
की जो
गुणवत्ता है, उसको
देखकर लगाए गए
हैं।
*
DR. T. SUMATHY (A)
THAMIZHACHI THANGAPANDIAN: Sir, in 2018, the Ministry of Environment has released the
draft of the National Clean Air Programme (NCAP). Various cities across the
States have been considered for this programme but it is sad to note that
Chennai despite its million plus population has not yet been included in this
programme whereas Trichy and Tuticorin
are part of the NCAP in Tamil Nadu. We are happy about it. I would like to ask,
through you, Sir, whether the Ministry will consider our request and Chennai
will be included in the NCAP soon.
कुंवर
दानिश अली : महोदय, मेरा जवाब
तो दिलवाइए।
श्री
भूपेन्द्र
यादव : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, देश में जिन
शहरों को वायु
प्रदूषण के
लिए चयन किया
गया है, वह उन शहरों
की वायु
गुणवत्ता के
हिसाब से किया
गया है।
सीपीसीबी ने
जो डॉयेक्शंस
निकाले हैं, उन्होंने
इसमें इस
प्रकार के जो 12 गैसेज़ और
प्रदूषण के
कारक हैं, उनको
इसमें शामिल
किया है।
चेन्नई एयर
क्वॉलिटी की
दृष्टि से
अच्छा शहर है, जिसके लिए
चेन्नई के लोग
बधाई के पात्र
हैं।
श्री
गौरव गोगोई : अध्यक्ष
महोदय, अभी-अभी
दिल्ली के
माननीय सांसद
ने कहा है कि
माननीय
अध्यक्ष
: आप तो
अपना प्रश्न
पूछिए।
*
श्री
गौरव गोगोई : अध्यक्ष
महोदय, यह
विषय प्रश्न
से ही जुड़ा
हुआ है कि
वायु प्रदूषण
बच्चों के
फेफड़ों पर
प्रभाव डालता
है। ये उनका
प्रश्न है, लेकिन
आप जानकर
हैरान हो
जाएंगे कि
केन्द्र सरकार
के स्वास्थ्य
मंत्री आज भी
इस बात को
कबूल नहीं
करते हैं कि
वायु प्रदूषण
हमारे
स्वास्थ्य से
जुड़ा हुआ विषय
है।
मेरे पास
केन्द्र
सरकार का
लिखित जवाब है, जिसमें
उन्होंने
वायु प्रदूषण
के बारे में बोला
है कि विभिन्न
संगठनों ने इस
बात पर रिसर्च
की है कि यह
स्वास्थ्य के
साथ जुड़ा हुआ
है,
लेकिन आज तक
केन्द्रीय
सरकार ने इसको
कबूल नहीं
किया है। मेरी
पर्यावरण, वन और
जलवायु
परिवर्तन
मंत्री जी
से
दर्ख्वास्त
है कि वह
स्वास्थ्य
मंत्री जी को
निर्देश दें
और सरकार के
द्वारा एक
सरकारी जांच
हो। वायु
प्रदूषण और
ज्यादा से
ज्यादा
बच्चों के
स्वास्थ्य पर
एक स्टडी हो, आप
ऐसा निर्देश
दीजिए।
श्री
भूपेन्द्र
यादव: माननीय
अध्यक्ष
महोदय, यह केन्द्र
सरकार की
संवेदनशीलता
ही है कि वर्ष 2018 में पूरे
देश में NCAP का
कार्यक्रम ना
केवल घोषित
किया गया है, बल्कि
इसको मिशन
स्तर पर भी
चलाया जा रहा
है। यह
केन्द्र
सरकार की संवेदनशीलता
ही है कि
हमारी वित्त
व्यवस्था के
अंतर्गत
इसमें 4400 करोड़ रुपये
लगाए गए हैं।
इस मामले की
गंभीरता को
देखते हुए देश
के सभी भागों
में
जनप्रतिनिधियों
की, म्यूनिसिपल
कॉरपोरेशन्स
की तथा
प्रतिनिधियों
की लगातार
वर्कशॉप की जा
रही है इसलिए
माननीय सदस्य
ने जो
आकांक्षाएं
उठाई हैं, वे गलत
हैं, तथ्यहीन
हैं तथा खंडित
करने योग्य
है।
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