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श्री
विष्णु
दत्त शर्मा: माननीय
अध्यक्ष
महोदय, मेरा
प्रश्न
खजुराहो बर्ड
हेरिटेज से
संबंधित है।
माननीय
प्रधान
मंत्री जी ने
खुजराहो को
सेवेंटिंथ
आइकॉनिक सिटी
में भी शामिल
किया है, इसके
लिए मैं
माननीय
प्रधान
मंत्री जी को
धन्यवाद देता
हूं। मेरे
प्रश्न का
माननीय
मंत्री जी ने
विस्तृत जवाब
दिया है, इसके
लिए मैं उनको
धन्यवाद देता
हूं। उन्होंने
स्वदेश दर्शन
योजना से लेकर
प्रतिष्ठित पर्यटक
स्थलों के
विकास का
उल्लेख किया
है। मैं
आदरणीय
मंत्री महोदय
से जानना
चाहता हूं कि
खजुराहो, जो
मेरा संसदीय
क्षेत्र है, पर्यटन
के विकास के
लिए एमआईसीई
मीटिंग, इंसेंटिव
काँफ्रेंसेज
एंड
एग्जिबिशंस
हॉट स्पॉट के
रूप मे विकसित
करने की योजना
है। इसमें
केन्द्र
सरकार की तरफ
से क्या सहयोग
किया जा रहा
है?
मैं
इसके बारे में
जानना चाहता
हूँ। खजुराहो
में पर्यटन का
विकास वहाँ की
स्थानीय जनता
को केन्द्र
में रखकर
समन्वित रूप
से किया जा
रहा है। इसके
संबंध में, मैं माननीय
मंत्री जी से
कहना चाहता
हूँ कि सांस्कृतिक
धरोहरों के
संरक्षण और
विकास में ये
प्रतिभागी बन
सकें एवं
स्थानीय स्तर
पर रोजगार
सृजन, प्रगति
और विकास भी
सुनिश्चित हो
सके, इसके
बारे में क्या
योजना है? *h
*
श्री
श्रीपाद येसो
नाईक : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, मैं सबसे
पहले मध्य
प्रदेश सरकार
को एवं माननीय
सदस्य को भी
धन्यवाद देता
हूँ। हमने अलग-अलग
स्कीम्स में
से मध्य
प्रदेश को खजुराहों
के लिए जो
प्रोजेक्ट्स
दिये, एकाध को
छोड़कर
उन्होंने 100
परसेंट
प्रोजेक्ट
टाइमलाइन पर
पूरे किए हैं।
कम से कम 'स्वदेश
दर्शन'
स्कीम
में हमने 45 हजार
करोड़ रुपए के
प्रोजेक्ट
दिए हुए थे,
उनमें
95 परसेंट
से अधिक
कम्प्लीट हुए
हैं। जैसा कि
माननीय सदस्य
एमआईसीई
स्कीम के बारे
में पूछ रहे
हैं, जो यूनेस्को
के तहत
डेस्टिनेशंस
हैं, वहाँ माईस
टूरिज्म
प्रोजेक्ट
होना चाहिए। इसके
लिए अभी हमारी
पॉलिसी बन रही
है। उसमें खुजराहो
का नाम भी है।
पॉलिसी बनने
के बाद हम उस पर
निश्चित रूप
से गौर
करेंगे।
*
श्री विष्णु दत्त
शर्मा: माननीय
अध्यक्ष
महोदय, मैं
आपके माध्यम
से माननीय
मंत्री जी से
जानना चाहता
हूँ कि
खजुराहो
संसदीय
क्षेत्र में जिस
प्रकार से
माननीय
प्रधानमंत्री
जी ने वॉटर
कंज़र्वेशन के
बारे में बात
की है। मेरे
क्षेत्र में
चन्देल
राजाओं के
द्वारा
हजारों तालाबों
के निर्माण
हुए हैं।
लेकिन अगर हम
वहाँ पर
डेवलपमेंट की
बात करने का
प्रयास करते
हैं और जब हम
स्थानीय
प्रशासन से
बात करते हैं, तो इसमें
एएसआई
ऑब्सटैकल
बनकर खड़ा हो
जाता है। वहाँ
कोडर नदी है, जिसके
डेवलपमेंट के
बारे में हम
सोचना चाहते हैं, लेकिन एएसआई
के कारण वहाँ
पर स्थानीय
प्रशासन, जिला
प्रशासन ऐसा
नहीं कर सकता
है। इसलिए मैं
आपके माध्यम
से, माननीय
मंत्री जी से
जानना चाहता
हूँ कि इस प्रकार
के डेवलपमेंट
के लिए
समन्वित
प्रयास के रूप
में वॉटर
कंज़र्वेशन, तालाबों के
संरक्षण और
संवर्धन, नदियों
के विकास के
लिए क्या
सरकार कोई
योजना बनाएगी?
श्री
श्रीपाद येसो
नाईक : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, टूरिज्म
मिनिस्ट्री
की 'प्रसाद' स्कीम
के तहत एएसआई
के जो प्राचीन
साइट्स हैं, वहाँ भी
यह स्कीम लागू
है। मैं
माननीय सदस्य
से कहना
चाहूंगा कि
यदि उस
प्रोजेक्ट
में नहीं डाला
गया है, तो कम से
कम इस स्कीम
में डाल
दीजिए। वह
प्रोजेक्ट
एएसआई ही करती
है। हम उन्हीं
को फण्डिंग
करते हैं।
माननीय सदस्य
जो कुछ कह रहे
हैं, हम उसके लिए
मदद करेंगे।
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SHRIMATI
SUPRIYA SADANAND SULE : I would like to draw the attention of the hon.
Minister to the fact that beyond the scope of Khajuraho,
there are several World Heritage Sites in the country, like the caves of Ellora and Ajanta in my State, and Hampi
in Karnataka. In the last two years,
because of all the challenges the country has faced due to COVID-19, they have
really not been well looked after. What
better mechanism can we have between the States and ASI? As my colleague has said, we always have
challenges in reaching out to ASI. In
order to make ASI effective, we should have a swifter and a smoother
relationship. So, how can you help the
States to make this mechanism smoother?
श्री
श्रीपाद येसो
नाईक : माननीय
अध्यक्ष
महोदय, माननीय
सदस्या ने भी
एएसआई के बारे
में ही प्रश्न
पूछा है। छोटे-मोटे
प्रॉब्लम्स
हैं। हम उनको
सॉर्टआउट कर सकते
हैं। मैं
माननीय सदस्य
से विनती करता
हूँ कि यदि कोई
खास
प्रोजेक्ट है,
तो आप
हमें बताइए,
हम
उसे देख
लेंगे।
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श्री गणेश
सिंह: माननीय
अध्यक्ष
महोदय, चूंकि
प्रश्न
खजुराहो से
जुड़ा हुआ है, इसलिए मैं
इसे और
विस्तृत रूप से
माननीय
मंत्री जी से
पूछना चाहता
हूँ।
ओरछा, खजुराहो, पन्ना
टाइगर रिज़र्व, चित्रकूट, जहाँ पर
भगवान श्री
राम साढ़े 11 वर्ष
तक रहे, वह
स्थान, सतना
में व्हाइट
टाइगर सफारी, बांधवगढ़ और
अमरकंटक आदि
इतने बड़े
टूरिस्ट सर्किट
हैं, क्या
भारत सरकार
इनको एक नये
टूरिस्ट
सर्किट के रूप
में घोषित
करेगी? यह
मैं मंत्री जी
से जानना
चाहता हूँ।
श्री
श्रीपाद येसो
नाईक : माननीय
अध्यक्ष जी,
मध्य
प्रदेश में
जितने
टूरिस्ट
डेस्टिनेशंस
हैं, जो-जो प्रपोजल
मध्य प्रदेश
से आए हुए हैं,
हमने
उनको एप्रूव
किया हुआ है।
यदि कुछ बचे
हुए होंगे,
जैसा
कि माननीय
सदस्य ने कहा,
आप यह
प्रपोजल भी
हमें दे दीजिए,
हम
निश्चित रूप
से उसके ऊपर
विचार
करेंगे।
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