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Title: Combined discussion on Statutory
Resolution regarding Disapproval of Essential Defence Services Ordinance, 2021
and passing of the Essential Defence Services Bill, 2021 (Statutory Resolution-not moved and
Government Bill-passed).
माननीय
अध्यक्ष : आइटम
नम्बर 31 और
32, अनिवार्य रक्षा
सेवा विधेयक ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : मैं
आपको बोलने का
मौका दूंगा ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : प्रो. सौगत राय जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
विनायक भाउराव
राऊत जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : डॉ. शशि थरूर जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
कोडिकुन्नील सुरेश
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : एडवोकेट
डीन कुरियाकोस
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
अधीर रंजन चौधरी
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
के. सुधाकरन
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : डॉ. अमर सिंह
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : एडवोकेट
अदूर प्रकाश जी
।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
बैन्नी बेहनन जी
।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
एन. के. प्रेमचन्द्रन
जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
मोहम्मद फैजल पी.पी. ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : एडवोकेट
ए.एम. आरिफ ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
टी. एन. प्रथापन
।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
थोमस चाज़िकाडन
।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : श्री
हिबी इडन जी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : सभी
माननीय सदस्यगण
अपनी-अपनी
सीट पर विराजें
। मैं महत्वपूर्ण
विधेयक पर चर्चा
करा रहा हूं ।
माननीय
मंत्री जी ।
रक्षा
मंत्रालय में राज्य
मंत्री तथा पर्यटन
मंत्रालय में राज्य
मंत्री (एडवोकेट अजय भट्ट): माननीय
अध्यक्ष जी, श्री
राज नाथ सिंह
जी की ओर से, मैं
प्रस्ताव करता
हूं:
“कि राष्ट्र की
सुरक्षा को सुनिश्चित
करने और जनता
के जान और माल
की रक्षा करने
के लिए अनिवार्य
रक्षा सेवाओं
के रखरखाव तथा
उससे संबंधित
या उसके आनुषंगिक
विषयों का उपबंध
करने वाले विधेयक
पर विचार किया
जाए ।”
महोदय, भारत
सरकार ने दिनांक
16
मई, 2020 को
घोषणा की है
कि आयुध आपूर्तियों
में ऑटोनमी, एकाउण्टेबिल्टी
और एफिशिएंसी
को सुधारने के
लिए आयुध निर्माणी
यानी डी.आर.डी.ओ.- ऑर्डनेंस
फैक्ट्री बोर्ड
का निगमीकरण
किया जाए । तत्पश्चात्
29
जुलाई, 2020 को
कैबिनेट कमेटी
ऑन सिक्योरिटी
ने ऑर्डनेंस
फैक्ट्री बोर्ड
को पास कर दिया
और पंजीकृत करने
के लिए अपनी
स्वीकृति दे
दी । इस स्वीकृति
में 100 प्रतिशत
गवर्नमेंट-ओन्ड
कॉरपोरेट एंटिटीज
में परिवर्तन
करने की अनुमति
दी गई । इस निर्णय
के विरूद्ध कर्मचारियों
ने सड़कों पर
उतरने का नोटिस
दे दिया और
उन्होंने हड़ताल
करने का नोटिस
दे दिया ।
मान्यवर, इसमें
सेंट्रल लेबर
कमिश्नर के स्तर
पर शुरू की
गई कंसिलिएशन
प्रोसीडिंग दिनांक
5 जून, 2021 को
विफल हो गई
। जब यह विफल
हो गई तो 16 जून,
2021 को मंत्रिमंडल
ने ओएफबी को सात
डिफेंस पब्लिक सेक्टर
अंडरटेकिंग में परिवर्तित
करने की स्वीकृति
दे दी
। …(व्यवधान)
इसके पश्चात्
एम्प्लॉई फेडरेशन
ने पुन: 8.07.2021 को
अनिश्चितकालीन
हड़ताल के लिए नोटिस
दे दिया ।…(व्यवधान)
मान्यवर,
यद्यपि इस निर्णय
में कर्मचारियों
के हितों की रक्षा
की जा रही है ।…(व्यवधान) कहीं से कहीं
तक कर्मचारियों
का हित प्रभावित
न हो, इसमें
ऐसा प्रोविजन किया
गया है ।…(व्यवधान)
आज देश की उत्तरी
सीमा पर जो स्थिति
है, उससे
पूरा देश
और यह सदन अच्छी
तरह से भिज्ञ है
।…(व्यवधान)
इसलिए अनइन्टरप्टेड
सप्लाई हमारी सेनाओं
को आयुधों की होनी
चाहिए और कहीं
पर भी कोई परेशानी
नहीं आनी चाहिए
।…(व्यवधान)
वहां पर जो आवश्यक
हथियार गोला-बारूद या जो भी चीजें
जाती हों, उन
चीजों को वहां
पर अच्छी तरह से
बिना किसी रोक-टोक भेजना ही
पड़ेगा ।…(व्यवधान)
यह सरकार की
मंशा है, यह
देश की मंशा है
और सदन की भी मंशा
है ।
मान्यवर, इससे पूर्व का
केन्द्रीय कानून
The Essential Services Maintenance Act, 1981 वर्ष
1990 में समाप्त
हो चुका है और वर्तमान
में आवश्यक रक्षा
उत्पादकों और सेवाओं
की उपलब्धता को
सुचारू रखने के
लिए कोई भी केन्द्रीय
कानून नहीं है
।…(व्यवधान)
चूंकि संसद सत्र
चल रहा था और इस
संबंध में तुरंत
विधि निर्माण की
आवश्यकता थी ।…(व्यवधान) मंत्रिमंडल ने
दिनांक 23 जून,
2021 को The Essential Defence Services
Ordinance, 2021 को स्वीकृति
दे दी, जिसे
भारत के माननीय
राष्ट्रपति जी
द्वारा 30 जून,
2021 को प्रमलगेट
कर दिया गया ।…(व्यवधान)
इसमें अन्य बातों
के साथ-साथ
केन्द्र सरकार
को देश की सुरक्षा
के हित में रक्षा
से जुड़ी सभी एस्टैब्लिशमेंट
में आवश्यक रक्षा
सेवाओं का मैनेजमेंट
सुनिश्चित करने
की पावर प्रदान
कर दी गई ।…(व्यवधान)
माननीय सदस्यों
को ज्ञात होगा
कि हम ने पूर्व
में The Essential Defence Services Bill, 2021 को 30 जून,
2021 के ऑर्डिनैंस
में रिप्लेस करने
के लिए इंट्रोड्यूस
किया था ।…(व्यवधान)
मुख्य रूप से
राष्ट्र की सुरक्षा
के हित में यह बिल
लाया जा रहा है
।…(व्यवधान)
अगर यह इन्वोक होता है,
तभी इसमें कोई
कार्रवाई होगी
।…(व्यवधान)
मान्यवर,
कहीं से कहीं
तक कोई कार्रवाई
करने का सरकार
का कोई इरादा नहीं
है, किसी भी
कर्मचारी या अधिकारी
के हितों को प्रभावित
करने का इसमें
कोई प्रोविजन नहीं
है ।…(व्यवधान)
हर तरफ से हमारे
कर्मचारी सुरक्षित
हैं ।…(व्यवधान)
यह एक ऐतिहासन
लाया गया है ।…(व्यवधान) यदि ये हड़ताल
का नोटिस नहीं
देते, तो यह
भी प्रोविजन नहीं
आता ।…(व्यवधान)
इसलिए हमारे
जितने भी मित्रों
ने इसमें अपनी
आपत्तियां दी हैं,
वे निराधार हैं,
कहीं पर भी फंडामेंटल
राइट का वायलेशन
नहीं होता है और
हम लोग अपने कर्मचारियों
को जो सुख-सुविधा
देते हैं, उनमें
कहीं भी कटौती
नहीं होती है
।…(व्यवधान)
मान्यवर, सारी चीजें निर्मूल
हैं । मान्यवर,
सबसे बड़ी बात
यह है कि हम ने इसमें
सनसेट क्लॉज जोड़ने
का निर्णय ले लिया
है ।…(व्यवधान)
माननीय रक्षा
मंत्री जी की हमारे
जितने भी कर्मचारी
ऑर्गनाइजेशंस
हैं, उनसे बहुत
ही अच्छी बातें
हो गई हैं और बहुत
अच्छे वातावरण
में बातें हुई
हैं, इसलिए
कहीं से कहीं तक
कोई संकट नहीं
है ।…(व्यवधान)
निश्चित हो कर,
मैं अपने मित्रों
को आश्वासन देता
हूं कि इस बिल को
पास करने में सहयोग
करें, क्योंकि
यह देश की सुरक्षा
से जुड़ा हुआ प्रश्न
है और देश की रक्षा-सुरक्षा करना
हमारा, सबका
प्रथम कर्तव्य
है ।…(व्यवधान)
इसलिए मैं निवेदन
करता हूं कि इस
बिल को सर्वसम्मति
से पास करने की
कृपा की जाए ।…(व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : प्रस्ताव
प्रस्तुत हुआ :
“कि राष्ट्र की
सुरक्षा को सुनिश्चित
करने और जनता के
जान और माल की रक्षा
करने के लिए अनिवार्य
रक्षा सेवाओं के
रखरखाव तथा उससे
संबंधित या उसके
आनुषंगिक विषयों
का उपबंध करने
वाले विधेयक पर
विचार किया जाए
।”
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : जिन
माननीय सदस्यों
ने इस विधयेक
पर संशोधन दिए
हैं, यदि
वे उन्हें प्रस्तुत
करना चाहते हैं, तो
कृपया अपनी-अपनी
सीट्स पर जाएं
अन्यथा मैं सभी
खंडों को एक
साथ मतदान के
लिए रखूंगा
।
एन. के. प्रेमचंद्रन
जी ।
… (व्यवधान)
SHRI N. K. PREMACHANDRAN
(KOLLAM): Most respected Speaker Sir, this is a very important
Bill. There are 41 Ordnance Factories in India. Now, the Government of India
under the Ministry of Defence is trying to convert this into separate boards
and finally, it is an indirect way of privatisation of ordnance factories in
our country and the sole purpose of this Bill is to ban strike.
Sir, eighty-four thousand employees in the
Defence sector, particularly in the ordnance factories will be affected by
this. Banning the right to strike means taking away the legitimate right of the
workers. There is the Industrial Disputes Act of 1947. Even, the labour courts
are there. Unilaterally taking away the right of the workers is not right. I
want to move the amendments. It is quite unfortunate. Passing a Bill in the din
is not proper. It is not fair as far as the parliamentary practice is concerned.
Therefore, I strongly oppose … (Interruptions) Sir, it is not fair … (Interruptions)
माननीय अध्यक्ष : श्री
एन.के. प्रेमचन्द्रन
जी का आग्रह है
कि आप सब अपनी-अपनी सीट्स पर
जाएँ ताकि इस बिल
पर व्यापक चर्चा
हो सके ।
… (व्यवधान)
SHRI N. K. PREMACHANDRAN :
Sir, I have given a notice regarding this issue … (Interruptions) Sir,
it is not fair to pass such important Bills in the din … (Interruptions)
Please do not pass this Bill in the din … (Interruptions)
SHRI ADHIR RANJAN CHOWDHURY (BAHARAMPUR):
Sir, with all humility at my command I must say that this legislation is
nothing but a draconian measure. It is a retrogressive legislation that is
being passed by this Government. The Government is intending to throttle the
democratic right of the labourers of our country. It is totally an undemocratic
legislation and this is being bulldozed in this House. The Government is in no
mood to have a discussion on this issue … (Interruptions) हमारी
डिमांड कुछ नहीं
है, हम सभी विषयों
पर चर्चा करना
चाहते हैं, लेकिन हमारी
एक ही माँग है कि
पेगासस जासूसी
कांड पर चर्चा
की शुरुआत की जाए
।… (व्यवधान)
बाकी हर विषय
पर हम चर्चा करने
के लिए तैयार हैं
।… (व्यवधान)
This kind of a legislation should not be passed in turmoil and when the House
is not in order … (Interruptions)
PROF. SOUGATA RAY (DUM DUM):
Sir, I had given a Statutory Resolution disapproving this Ordinance. This
Ordinance is anti-labour. Around 78,000 workers working in the various ordnance
factories had given a strong note opposing the corporatisation of ordnance
factories. Corporatisation … (Interruptions)
रक्षा
मंत्री (श्री राज नाथ सिंह): माननीय
अध्यक्ष महोदय, मैं
सभी सम्मानित
सदस्यों से अनुरोध
करना चाहता
हूँ कि यह जो
बिल लाया गया
है, वह
राष्ट्रीय सुरक्षा
को ध्यान में
रखते हुए लाया
गया है ।… (व्यवधान) हमें इस बिल की
अहमियत को समझना
चाहिए ।… (व्यवधान)
चाहे आर्म्स
हों या एम्युनिशंस
हों, उनकी सप्लाई
में किसी भी प्रकार
की बाधा न पैदा
हो सके, इन बातों
को ध्यान में रखकर
यह बिल लाया गया
है ।… (व्यवधान)
जहाँ तक ऑर्डनेंस
फैक्ट्री बोर्ड
के एम्प्लॉइज का
प्रश्न है, सारे एम्प्लॉइज
के साथ, हमारी
जितनी भी यूनियन्स
हैं, उनके रिप्रजेंटेटिव्स
के साथ हमारी बहुत
ही अच्छी और सौहार्द्रपूर्ण
वार्ता हो चुकी
है ।… (व्यवधान)
मैं सदन
को आश्वस्त करना
चाहता हूँ कि यह
एक्ट तभी प्रभावी
होगा, जब यह
इन्वोक किया
जाए ।… (व्यवधान)
हो सकता है कि
इस एक्ट को इन्वोक करने की आवश्यकता
ही न हो और यह एक्ट
केवल एक वर्ष के
लिए प्रभावी रहेगा
।… (व्यवधान)
इसलिए मैं सभी
माननीय सदस्यों
से अनुरोध करना
चाहता हूँ कि राष्ट्र
की सुरक्षा को
ध्यान में रखते
हुए इस बिल को सर्वसम्मति
से पारित करने
का कष्ट करें
।… (व्यवधान)
माननीय अध्यक्ष : प्रश्न यह है:
“कि राष्ट्र
की सुरक्षा को
सुनिश्चित करने
और जनता के जान
और माल की रक्षा
करने के लिए अनिवार्य
रक्षा सेवाओं के
रख-रखाव तथा
उससे संबंधित या
उसके आनुषंगिक
विषयों का उपबंध
करने वाले विधेयक
पर विचार किया
जाए । ।”
प्रस्ताव
स्वीकृत हुआ ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : अब सभा विधेयक
पर खंडवार विचार
करेगी ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : प्रश्न यह है:
“कि खंड 2 से
19 विधेयक का अंग
बने ।”
प्रस्ताव
स्वीकृत हुआ ।
खंड 2 से 19 विधेयक
में जोड़ दिए गए
।
… (व्यवधान)
Clause 1
Short title Extent
and Commencement
संशोधन
किया गया
:
पृष्ठ
1, पंक्ति
6 के पश्चात,-
“(4)
यह
उस तारीख से एक
वर्ष की अवधि के
अवसान पर प्रभावी
नहीं रहेगा,
जिस
तारीख को अधिनियम
को राष्ट्रपति
की सहमति प्राप्त
होती है, सिवाय
उन बातों के,
जिनको
इस अधिनियम के
प्रचालन के समाप्त
होने की तारीख
से पूर्व किया
गया है या करने
का लोप किया गया
है और साधारण खंड
अधिनियम
1897 की धारा
6 इस अधिनियम
के प्रचालन के
समाप्त होने पर
ऐसे लागू होगी
मानो इसे तब किसी
केन्द्रीय अधिनियम
द्वारा निरसित
किया गया था ।” (1)
(एडवोकेट
अजय भट्ट)
माननीय
अध्यक्ष
: प्रश्न यह
है :
“कि खंड
1, यथा संशोधित,
विधेयक
का अंग बने ।”
प्रस्ताव
स्वीकृत हुआ ।
खंड
1, यथा संशोधित,
विधेयक में
जोड़ दिया गया
।
अधिनियमन
सूत्र और विधेयक
का पूरा नाम विधेयक
में जोड़ दिए गए
।
… (व्यवधान)
एडवोकेट
अजय भट्ट : अध्यक्ष
महोदय, मैं
प्रस्ताव करता
हूं :
“कि विधेयक,
यथा
संशोधित, पारित
किया जाए ।”
माननीय
अध्यक्ष
: प्रश्न यह
है :
“कि विधेयक,
यथा
संशोधित, पारित
किया जाए ।”
प्रस्ताव
स्वीकृत हुआ ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : माननीय
सदस्यगण, मैं
आपसे आग्रह करता
हूं कि महत्वपूर्ण
विधेयकों पर
चर्चा हो रही
है, आप चर्चा
करें, संवाद
करें । कानून
बनाते समय उसकी
चर्चा और संवाद
में आपका हिस्सा
हो ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : आप
सभी अपनी सीट्स
पर जाएं । मैं
आपको विधेयक
पर बोलने के
लिए पर्याप्त
समय और मौका
दूंगा ।
… (व्यवधान)
माननीय
अध्यक्ष : सभा
की कार्यवाही 4 बजे तक के लिए
स्थगित की जाती
है ।
14.17 hrs
The Lok Sabha then adjourned till
Sixteen of the Clock.
16.00
hrs
The Lok Sabha re-assembled
at Sixteen of the Clock.
(Shri Rajendra Agrawal in the Chair)
16.0
¼ hrs
At this stage, Dr. Amar singh, Dr. T.
Sumathy alias Thamizhachi Thangapandian, Sushri Mahua Moitra and some other
hon. Members came
and stood on the floor near the Table.
… (Interruptions)